इन्द्री 22 मई, उप कृषि निदेशक डॉ० आदित्य प्रताप डबास के निर्देशानुसार इन्द्री खंड के गांव नन्दी व खुखनी में धान की सीधी बिजाई तकनीक को लेकर कृषि विकास अधिकारी डा0 सचिन काम्बोज की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में डा0 सचिन काम्बोज ने किसानों को बताया कि वे पानी की कम लागत वाली फसलों को अपनाएं ताकि जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके। धान की बिजाई का समय आ गया है, किसान भू-जल, लेबर व समय की बचत करने के लिए धान की सीधी बिजाई डीएसआर मशीन द्वारा करें। उन्होंने बताया कि इस विधि से बिजाई करने में 20 से 30 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। जहां एक ओर धान की सीधी बिजाई वाली विधि से पैदावार, रोपाई करके लगाई गई धान की फसल के बराबर होती है, वहीं दूसरी ओर फसल 7 से 10 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है। जिस कारण धान की पराली सम्भालने व गेहूं या अन्य सब्जियों की बिजाई करने के लिए अधिक समय मिल जाता है। उन्होंने बताया कि धान की सीधी बिजाई करने पर सरकार की तरफ से 4000 प्रति एकड़ अनुदान राशि दी जाएगी। इसके लिए किसान को धान की सीधी बिजाई का रजिस्ट्रेशन मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर करवाना होगा।
कार्यक्रम में सहायक तकनीकी प्रबंधक डा0 विशेष काम्बोज ने कहा कि धान की सीधी बिजाई करने पर फसल में विभिन्न प्रकार की बीमारियों तथा कीड़ों का प्रकोप तो कम होता ही है साथ ही धान की पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है। उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खेती पर बल देना चाहिए और नई तकनीक अपनाकर कम लागत में अधिक आय अर्जित करनी चाहिए। किसानों को चाहिए कि वे फसलों में कीटनाशकों का कम से कम प्रयोग करें। उन्होंने किसानों को मिट्टी की जांच करवाने के लिए प्रेरित किया और कृषि एवं कल्याण विभाग की स्कीम मेरी फसल-मेरा ब्यौरा व मेरा पानी-मेरी विरासत के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर डा0 सहिल भी मौजूद रहें।
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