नींबू के नखरे, दाम तीन सौ पार, जानिए क्‍या है रेट बढ़ने की वजह

 बाजार में नींबू के रेट देखकर लोग चौंक रहे हैं। आलम यह है कि गर्मी के मौसम में बढ़ी खासी मांग के बावजूद नींबू की खरीद के लिए लोगों को काफी सोचना पड़ रहा है। लगातार बढ़ रहे दाम के बीच सोमवार को तो नींबू के रेट 320 रुपये किलो तक पहुंच गए। वहीं, मंडी में आढ़ती इस स्थिति के लिए कर्नाटक व अन्य नींबू उत्पादक राज्यों में नींबू की फसल खराब होने को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि कई लोग इसे जानबूझकर की जा रही जमाखोरी का परिणाम करार दे रहे हैं।नींबू के दाम में बढ़ोत्तरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। तीन सौ रुपये किलो का स्तर तो यह पहले ही छू चुका था वहीं, सोमवार को कई जगह एक किलो नींबू के रेट 320 रुपये तक पहुंच गए। इससे लोगों केे लिए नींबू खरीद पाना आसान नहीं रहा। आढ़तियों के अनुसार नींबू की मांग के अनुरूप पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिन राज्यों में नींबू उत्पादित होता है, वहां बरसात में बड़े पैमाने पर फसल खराब हो चुकी है। इसीलिए मांग भी इतने बड़े स्तर पर प्रभावित हुई है।

कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। दक्षिण भारत में से मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो रही। बची-खुची कसर समय से पहले ही लगातार बढ़ रही गर्मी ने पूरी कर दी है। इसे देखते हुए अभी नींबू के रेट में ज्यादा गिरावट की उम्मीद रखना बेनामी है।

क्या करें, काम ही नहीं चलता

गर्मी के मौसम में नींबू का बहुतायत से प्रयोग होता है। शिकंजी, नींबू लेमन, गोंद कतीरा से लेकर सलाद और अन्य खाद्य व पेय पदार्थ में नींबू के बिना काम ही नहीं चलता। यही कारण है कि दाम बढ़ने के बावजूद इसे खरीदना मजबूरी है। मीनार रोड पर ढाबा चलाने वाले रमेश सैनी कहते हैं कि नींबू के दाम तीन सौ रुपये पार हो चुके हैं। इसे देखते हुए बड़ी मुश्किल से काम चला रहे हैं। सरकार को इस समस्या के त्वरित समाधान के बारे में सोचना चाहिए। वहीं, मंडी के आढ़तियों का कहना है कि नींबू की आपूर्ति ही नहीं हो पा रही तो वे क्या कर सकते हैं ? फिलहाल स्थिति में बदलाव के आसार नजर नहीं आ रहे। इतना ही नहीं, नींबू के साथ मिर्च के रेट भी बढ़ रहे हैं। दुकानदारों ने बताया कि शहर में मिर्च के रेट करीब सौ रुपये किलो हो चुके हैं।

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